Sunday, April 20, 2014

अबोध

                                                            अबोध … 

माँ की खोज में लगी अबोध ,
बस उसको ममता का बोध ,
कहाँ से आई यह अबोध ,
जिसको नहीं किसी का बोध,
मेरा ह्दय भी न कर पाया शोध ,
कलयुग की माँ या कलयुग की अबोध ,

किलकारियाँ वह भूल गई थी ,
मुस्कान भी उसकी  रूठ गई थी ,
 बस ममता की उसे भूख लगी थी ,
माँ की गोद से छूटी माँ की गोद में अब पड़ी थी 
क्या है यह ? मै न कर पाया शोध ,
कलयुग की माँ या कलयुग की अबोध ,

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