ये जन्दगी रुक जा अभी
कुछ और खा लू
माँ हाथों की रोटियां
फिर तो भागना ही है
सब छोड़कर जाना ही है
ये जिंदगी रुक जा अभी
कुछ देर और खेल लू
अपने पुराने यारो के साथ
फिर न जाने कब मिलेगे
ये जन्दगी रुक जा अभी
कुछ कास्तियां छोड़नी है
उस दरिया के पानी में
सारा दिन जहाँ नहाया करते थे
ये जिंदगी रुक जा अभी
बरसात आने की वाली है
वो सोंधी महक
फिर छाने वाली है
ये जिंदगी रुक जा अभी
गाँव में फिर हरियाली
आने वाली है
कोयल फिर गाने वाली है
ये जिंदगी रुक जा ज़रा ....
No comments:
Post a Comment