नजारो का मज़ा तो ख़ूब लिया। अब किसानो से पुछो बारिस ने कमर तोड़ दिया हम खूब भीगें बारिस मे पर उनका क्या जो पसीनें से भीग कर आनाज उगाते है आज आँशु भी नहीं है आँखो में इस मौसम वो भी सोक लिया। (आशु)
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