Wednesday, April 6, 2016

मसाल

आज फिर आग जलाओ
अपने हौसले को फिर जगाओ
एक मसाल जलाकर
सब फिर जीत जाओ
माँ के चरणों को छु कर
लक्ष्य की तरफ दौड़ जाओ

आज फिर एक लौ जलाओ
साथ मिलकर फिर दौड़ जाओ
सपनो के जहाँ को
आज सच कर दिखाओ
फिर एक लौ जलाओ
(आशु)

No comments:

Post a Comment