मधुवन की मधुशाला
मधुवन की मधुशाला,
सब लिए फिरे मधुप्याला ,
फिरे मतंग छलकाते प्याला ,
वह रे मधुवन की मधुशाला,
मधु के भी खेल निराले ,
तोड़ दिए सरे बंधन ताले ,
पंडित पादरी और वो काजी ,
मधुशाला के सब मधुसाथी ,
मधुशाला की मधुकुंज में ,
सभी दिखे एक पुंज में ,
फिरे लिए सब मधुप्याला,
वह रे मधुवन की मधुशाला,
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