Thursday, July 24, 2014

नभ्

                                               नभ……

नभ अपनी गागर लिए ,
आस की बूंद गिराता चला ,
सूखी आँखो को नम ,
हरयाली फैलाता चला ,

घन -घटाओ की गर्ज्जना ,
दिल दहलाता चला ,
भू की भूख की तड़प ,
हारिल की प्यास बुझाता चला ,

पोखर के किनारे ,
दादुर को मन तक भीगता चला ,
 नभ अपनी गागर लिए ,
आस की  बूंद गिराता चला

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