Thursday, October 6, 2016

आग़ोश

तेरी आग़ोश में
जहाँ दिखा
प्रेम की झलक
स्वप्नो की ललक दिखी

स्पर्श मात्र ही
रूह की सिहरन
को जगा गयी
कुछ अरमानों के
स्वप्न सार्थक हो गए

यह स्पर्शी प्रेम
तेरी आग़ोश में
रोम रोम में
अहसाह अपन्त्व का

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