रंगो के इस रंगा रंग मे,
प्रेम मिलन के इस रंग मंच मे,
जाति धर्म सब लग गए किनारे,
एक रंग मे रंगे है सारे,
पीला नीला हरा गुलाबी,
बने हुए सब एक नयी प्रजाती,
प्रेम के रंग मे सभी रंगे,
रंगों के इस रंग मंच मे,
गोरा बन गया कितना काला,
काला लग रहा और निराला,
पकड़ पकड़ कर सभी रंगे गये,
होली के इस रंगा रंग मे,
प्रेम के इस प्रेम मिलन मे।
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