सिंह की भाँति चल
अन्याय को तू कुचल
ह्दय में देश प्रेम ले
समाज को बदल
संस्कार को जीवंत कर
हिँदुत्व की राह पर चल (आशु)
Friday, October 19, 2018
हिंदू
Thursday, September 13, 2018
हिंदी बिना हिंद
रो रही है हिंदी
आज के हिंद मे
माँ की लोरियां
वो नानी की कहानियां
गुम है किताबो में
मर रही है हिंदी
रो रही है हिंदी
यह हिन्द है
पर यहाँ हिंदी नही
भाषाओं के चक्रव्यूह में
अब बिंदी नहीं
रो रही है हिंदी
आज के हिंद में (आशु)
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