Friday, October 3, 2014

नया सवेरा

                                 नया सवेरा…

आज कुछ नया हुआ ,
पर सूर्य वही चाँद वही ,
आज कुछ नया हुआ ,
चपको सा पर्यावरण बचा ,
 आज कुछ नया कर,
सपनो का हिन्दुस्तान बना ,
हटा दो  धूल '
जो पथ को धुमिल करे ,
दिन को दिवाली बना ,
सपत नही अब आग जला ,
सपनो का हिन्दुस्तान बना ,

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