,,,,,,,,,,,,,दीपावली,,,,,,,,,,,
अब नहीं वैसी दीवाली ,
आधुनिक लईटो में अब दीवाली ,
दीपावली बन गयी दीवाली ,
बिन दीये कैसी दीवाली ,
कुम्हार से पूछों कैसी दीवाली ,
अब नहीं वैसी दीवाली,
दीयो की खेप लौ के लिए तरस रही
जल बिन मीन सी दिख रही ,
अब नहीं वैसी दीवाली
दीये बिन कैसी दीवाली ,