आज की नारी मादा मच्छर
सब पर भरी यह मादा मच्छर
पीती खून बिना यह जाने
प्यार से पुचकार के मारे
बटुवा खाली करके माने
फरमाइशों की बोली लगती
हमारी जेब बैंक है दिखती
सब पर भारी आज की नारी
भिखरी दशा यह कर दे
पूरा दिन तानो से भर दे
मादा मच्छर आज की नारी
खून भी पीती लात भी मारे,
फसे हुए है हम सब बेचारे , (आशु)